Bhavishy Darshan
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Favourable Gems/राशि रत्न


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Tantrik Pendant/ तांत्रिक लाकेट

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Rashiphal / राशिफल

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दीक्षान्त समारोह फोटो

 
मंत्र साधना व पद्धति
      भारतीय वैदिक पद्धति में विश्वास रखने वाले जातक यह अच्छी तरह से जानते है कि रोग व अन्य कष्ट जैसे व्यवसाय का रुकना, या में नुकसान होना, बच्चों को कष्ट होना, बच्चों से, पत्नी से, पति से या अन्य बन्धु से कष्ट होना सब ग्रह चाल के कारण होता हैं। जब रोग का उपचार से निवारण होता है तो फिर अन्य कष्टों का उपचार से निवारण क्यों नहीं सम्भव है? अन्य कष्टों का भी उपचार होना चाहिये। जैसे रोग के लिए जातक का डाक्टर के पास जाता है। डाक्टर को उपचार के लिए शिक्षा लेनी पड़ती है। लाइसैंस लेना पड़ता है। तब जाकर वह रोग का उपचार कर सकता है। औषधि में लगातार अनुसंधान हो रहा है। रोग को जानने के लिये प्रतिदिन नयी-नयी पद्धतियाँ आ रही हैं। पहले एक्स-रे, फिर अलट्रा साउन्ड, एम.आर.आई. कैट स्केनिंग आदि। औषधि में भी प्रतिदिन नयी औषधि बाजार में आ रही है। परन्तु अन्य कष्टों के उपचार के लिये न तो कोई अनुसंधान हो रहा है, न इसको कहीं सिखाया या पढ़ाया जाता है। जो कुछ हमें हमारे पूर्वज दे गए हैं उन्हीं को हम जैस-तैसे प्रयोग कर रहे हैं। किसी भी व्यक्ति पर किसी का नियन्त्रण भी नहीं है। परन्तु फिर भी जनता को विश्वास है कि उनके कष्टों का जप, साधना व कर्म काण्ड से उपचार सम्भव है। और मुझे भी अनुभव के आधार पर पूर्ण विश्वास है कि अन्य कष्टों उपचार सम्भव है। आवश्यकता है तो क्रिया पद्धति को समझने की।
      जब कोई अन्य कष्ट जातक को होता है तो योग्य ज्योतिषी जातक को अनिष्ट ग्रह का मन्त्र जप करने, ग्रह की वस्तुऐं दान करने व ग्रह को प्रसन्न के लिए व्रत रखने के लिये कहता है। इसलिये मंत्र जप का आरम्भ करने से पहले मंत्र क्या है? मन्त्र जप करने की क्या पद्धति है को समझना होगा।
      1. मन्त्र क्या है? वह कैसे प्रभावित करता है? अनिष्ट फल को कैसे दूर करता है?
      2. मंत्र कार्य कैसे करता है ?
     
3. मंत्र व स्तोत
     
4. मन्त्र - सामर्थ
     
5. अंतश्चेतन को जाग्रत करने के लिये
     
6. साधन किस मास में आरम्भ की जाये ?
     
7. जप का विशेष महत्व है। जप की कुछ सावधानियाँ
     
8. जप तीन प्रकार का होता है
     
9. माला संस्कार
     
10. माला फेरते हुए कुछ सावधनियाँ
     
11. पुष्प- शास्त्रों में पूजन के लिये पुष्प का विशेष महत्व
     
12. पुरश्चरण
     
13. यज्ञ/हवन
Pooja/Tantra           पूजा / तंत्र

    आपकी वर्तमान एंव भविष्य की परेशानियों एंव कष्टों को दूर करने हेतु मंत्र तंत्र, अनुष्ठान एंव यज्ञ का प्रावधान है जिससे शारीरिक, मानसिक, आर्थिक एंव शिक्षा आदि परेशानियों को दूर किया जा सकता है।

विवाह तंत्र घट विवाह अनुष्ठान अनुकूल रत्न
 
Our Products           हमारे उत्पाद

    सिद्ध यंत्र, सिद्ध लाकेट, सिद्ध रुद्राक्ष एंव सिद्ध मालायें धारण करने एंव मंत्रों के जाप से पति-पत्नि बशीकरण, मुकदद्मा जीतने, शिक्षा एंव नौकरी की रूकावटों, शारीरिक, मानसिक परेशानी दूर की जा सकती है।

सिद्ध पूजा यंत्र सिद्ध-रुद्राक्ष मालायें सिद्ध लाकेट
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    हम अपनी ज्योतिष, तंत्र शिक्षा प्रसार समिति द्वारा ज्योतिषशास्त्र, वास्तुशास्त्र एवं अंकविज्ञान आदि की शिक्षा प्रदान करते है। यह संस्था अखिल भारतीय ज्योतिष संस्था संघ, नई दिल्ली से सम्बद्ध (affilated) है।

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